कड़वा सच....
पड़ोस की बेटी भूखी है किसी को मालूम नहीं पड़ोस की बेटी कहां गई है सबको मालूम है. मोमबत्ती को भी आखिर में ही पता चलता है कि उसे उस धागे ने ही खत्म किया जिसको वो सीने में छुपाए रखती थी. इंसान ही इंसान का रास्ता काटता है, बिल्लियां तो बस यूँही बदनाम हैं। जो व्यक्ति अपने पास होने वाली चीज़ों से संतुष्ट नहीं है, वह भविष्य में मिलने वाली चीज़ों से भी संतुष्ट नहीं होगा. – सुकरात दुश्मन बनाने के लिए जरूरी नहीं कि आप लड़ाई ही करें, बस अपने हक का और सच बोलें, बेशुमार दुश्मन आपके खानदान में ही मिल जायेंगे. गलती उसी से होती है जो मेहनत करता है, निकम्मों की ज़िंदगी तो दूसरों की गलती खोजने में ही खत्म हो जाती है। किसी का असली रंग तब ही सामने आता हैं, जब हम उसके मतलब के नहीं रहते. दुश्मन इतनी आसानी से कहाँ मिलते हैं, बहुत लोगों का भला करना पड़ता है. पुराने दिनों घर में अजब रिश्ता था,दरवाज़े भी आपस में गले लगते थे... अब तो दरवाजा भी अकेला हो गया है 🔥🖤🔥 एक दिन उम्र ने तलाशी ली तो जेब से लम्हे बरामद हुए, कुछ ग़म के थे, कुछ नम से थे, कुछ टूटे हुए थे, जो सही सलामत थे, वो बचपन के थे. लहज़ों में बदज़ुबान...