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हिंदी में घुसती इंग्लिश .....!!

हिंदी में  घुसती इंग्लिश  किसी ने सही कहा है .... हीट  को   ताप कहने में। यू    को   आप कहने में। स्टीम को  भाप कहने में। फादर को बाप कहने में।  क्या दिक्कत है ? बैड   को   ख़राब कहने में। वाईन  को  शराब कहने में।  बुक  को  किताब कहने में। साक्स को ज़ुराब कहने में। क्या दिक्कत है ? डिच   को  खाई  कहने में। आंटी  को   ताई  कहने में। बार्बर   को   नाई  कहने में। कुक को हलवाई कहने में। क्या दिक्कत है ? इनकम  को आय कहने में। जस्टिस को न्याय कहने में। एडवाइज़ को राय कहने में। टी को चाय कहने में।  क्या दिक्कत है ? फ़्लैग  को  झंडा कहने में। स्टिक  को  डंडा कहने में। कोल्ड  को ठंडा कहने में। ऐग    को  अंडा कहने में। क्या दिक्कत है ? बीटिंग  को कुटाई कहने में। वॉशिंग को धुलाई कहने में। पेंटिंग   को  पुताई कहने में। वाइफ  को लुगाई कहने में। क्या दिक्कत है ? स्...

Udaipur Yatra blog

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Welcome to Udaipur, the city of lakes and palaces! Located in the Indian state of Rajasthan, Udaipur is a popular tourist destination known for its rich history, vibrant culture, and stunning architecture. If you're planning a trip to Udaipur, here are some of the top attractions and things to do in the city: City Palace: Built in the 16th century, the City Palace is a magnificent complex of palaces, courtyards, and gardens. It offers stunning views of Lake Pichola and is a must-visit for history and architecture enthusiasts. Lake Pichola: Udaipur is known as the city of lakes, and Lake Pichola is the most famous of them all. Take a boat ride on the lake and admire the stunning views of the City Palace and other landmarks. Jag Mandir: Located on an island in Lake Pichola, Jag Mandir is a beautiful palace with a rich history. It was used as a summer palace by the Maharana of Mewar and has hosted many royal events over the centuries. Fateh Sagar Lake: Another popular lake in Udaipur...

क्या हिन्दुस्तान की राजनीति में से धर्म को निकाला जा सकता है?

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मेरा मानना है नहीं निकाला जा सकता है क्योंकि हिंदुस्तान का निर्माण ही धर्म के आधार पर हुआ है, बंटवारा इसका उदाहरण है। हमारे ओरिजनल संविधान की नींव भी धर्म आधारित थी लेकिन कुछ लोगों की महत्वाकांक्षा, ध्रुवीकरण व तुष्टिकरण की राजनीति के कारण आज हिन्दुस्तान की राजनीति बहुत जटिल हो गई है। मेरा मानना है कि हिन्दुस्तान को सेक्युलर देश नहीं होना चाहिए था और शायद हमारी पहली संविधान सभा का भी यही मत था तभी उस सभा ने सर्वसम्मति से सेक्युलर शब्द को संविधान में शामिल नहीं किया था लेकिन अफसोस 1975–76 में इमरजेंसी लगाकर पूरे विपक्ष, मीडिया को जेलों में कैद करके देश पर जबरन सेक्युलर शब्द थोप दिया गया और लिबरल के टी शाह की सिफारिश पर आधे से ज्यादा संविधान को बदल दिया गया। यहां ध्यान देने वाली बात ये भी है कि जब पहली संविधान सभा ने सेक्युलर प्रस्ताव रद्द किया था तो उसके पीछे एक तर्क ये भी था कि अगर हम देश को धर्म निरपेक्ष मानते हैं तो फिर जातिगत आरक्षण की अवधारणा क्यों?सभा के सदस्यों के सामने ये एक जटिल समस्या थी क्योंकि अगर सेक्युलर बनाया तो आरक्षण का विचार बदलना पड़ेगा जिससे उस समय की एक बहुत बड़...