मन अविरल by Manshi Kumari
मन अविरल by Manshi Kumari - मन कभी उड़ता भँवर,मन कभी चहकता सँवर भर जोश मन कहीं चले चूमने गगन| Follow us on Instagram - click here कभी खुली किताब बन हर पन्ने को हीरे 💎सा तराशने को कहे बस ये हर उम्र को टटोलता है चले| कभी आग सी भड़क तो कभी शीतलता सी ठंड़क बस उम्र भर कुछ ढूढ़ता ही चले| कभी अनश्वर सा ऊबन तो कभी बचपन सा चंचल तो कभ प्रित की चाह में भटकता चमन| Follow us on Instagram - click here कभी गुलाब सा सुगंध पसंद तो कहीं कांटे सा फूल नापसंद ना ही ठौर ठहर तू बस अविरल मन बस यूँ ही चलता चल| लक्ष्य की चाह में जिद्दी बन ऊबनपन से तू ऊबर मानवीय भाव से बस परिपूर्ण बन तू एक मेरा धुन बन।। Follow us on Instagram - click here