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जीवन के 5 नियम

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जीवन के 5 नियम 1)😎***** यह दिखाने से न डरें कि आप वास्तव में कौन हैं, क्योंकि याद रखें, जब तक आप खुद से खुश हैं, तब तक किसी और की राय मायने नहीं रखती। 2)🙂**** शांत रहें क्योंकि जीवन उन लोगों पर जोर देने के लिए बहुत छोटा है जो एक मुद्दा बनने के लायक नहीं हैं। 3)😘***** अपने जीवन में ऐसे लोगों को रखें जो आपसे सच्चा प्यार करते हैं, आपको प्रेरित करते हैं और आपको खुश करते हैं। यदि आप ऐसे लोगों को जानते हैं जो इनमें से कुछ भी नहीं करते हैं, तो उन्हें जाने दें। 4)💕***** स्वाभिमान से आत्म-अनुशासन होता है। जब आप दोनों को मजबूती से अपनी बेल्ट के नीचे रखते हैं, तो वह वास्तविक शक्ति है। 5)🙅***** हम वही व्यक्ति नहीं हैं जो हम एक साल पहले, एक महीने पहले या एक हफ्ते पहले थे। हम लगातार बदल रहे हैं; अनुभव नहीं रुकते। यही जीवन है।

कॉलेज लाइफ की एक घटना........By पराग त्रिपाठी

पाओलो कोएल्हो ने अपनी जग प्रसिद्ध किताब अलकेमिस्ट में कहा है : Follow us on Instagram - click here "जब आप किसी चीज़ को पूरी शिद्दत से चाहते हैं तो पूरी कायनात उसे आपको दिलाने में जुट जाती है।" कंफ्यूजीआईए नहीं, ओम शांति ओम में इसी डॉयलॉग की सस्ती कॉपी शाहरुख से बुलवाई गयी थी। लेकिन बरसों पहले इसे लिखा पाओलो कोएल्हो ने था। अब ये डायलॉग इधर क्यों चस्पाया गया, ये आखिर में पता चल जाएगा। तो बात तब की है जब अपन मेकैनिकल इंजीनियरिंग के तृतीय वर्ष में थे। एक विषय है जिसका मेकैनिकल के विद्यार्थियों बीच उतना ही डर था जितना गब्बर सिंह का रामगढ़ के वासियों में। वो विषय है डिज़ाइन या इंजीनियरिंग डिज़ाइन या मशीन डिज़ाइन। ऊपर से कोरोना की लहर की तरह ये की ये हर सेम में डिज़ाइन, डिज़ाइन 1 फिर उसके बाद डिज़ाइन 2 एवं डिज़ाइन 3 के नाम से आता था। नाम के साथ जुड़े अंक के बढ़ने के साथ-साथ ये विषय उतना ही जानलेवा होता जाता था। इस विषय में होता ये है कि कई आवश्यक डिटेल/ रिक्वायरमेंट/मटेरियल दिए जाते है प्रश्न में फिर उसके हिसाब से घनघोर गणितीय गणनाएं करके आपको वो पार्ट डिज़ाइन करना होता है। जैसे फ

ऐसे ही कोई इंजीनियर नही बन जाता.......!

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आज आपके आसपास के लोग,पड़ोसी,रिश्तेदार,व्यवहारिक लोग,पुराने दोस्त,गांव के काका,शर्मा जी,गांव के बड़े बुजुर्ग आदि अक्सर ये ताना देते हुये मिल जाते हैं कि क्या मतलब है इंजीनियरिंग करने का,पढ़ाई खत्म करने के बाद जब नौकरी ही न मिले,पैसे न कमा पाओ| Follow us On Instagram कुछ लोग तो ये कहते हुए पाये जाते हैं कि शर्मा जी के बेटे को देखो,उसने इंजीनियरिंग नही की एक दुकान खोला है और खुद का बिजनेस करके लाखों कमाता है|ऐसे लोगों को शायद ये नही पता कि इंजीनियरिंग क्या होती है?ऐसे ही कोई इंजीनियर नही बन जाता उसके लिए कड़ी मेहनत व दृढ़ इच्छाशक्ति रखनी पड़ती है|एक आम विद्यार्थी जब इण्टर की परीक्षा पास करता है तो उसके सामने ये चुनौती होती है कि वह कौन से क्षेत्र में अपना करियर बनाने हेतु पढ़ाई करने का निर्णय लेवे| अपनी रूचि व इच्छानुरूप वह इंजीनियरिंग में प्रवेश लेता है जहां उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है लेकिन वह अडिग रहता है,चाहे मैकेनिक्स विषय हो या अन्य| 50विषय,150प्रैक्टिकल्स व लगभग 200 परीक्षायें पास करने के बाद तब जाकर कोई इंजीनियर बनता है| इतना परिश्रम करने के बाद अगर कोई ये कह