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Showing posts from 2023

बड़ा ही महत्व है - Just for fun

1)सर्दियों में धूप का,मीटिंग में #जूम का बड़ा ही महत्व है 2)महामारी में #कोरोना का,धातुओं में #सोना का बड़ा ही महत्व है 3)ब्रम्हांड में अम्बर का,महीने में नवंबर का बड़ा ही महत्व है 4)तूफान में आंधी का,नोटों पर गांधी का बड़ा ही महत्व है 5)खेतों पर जोत का,काम पर #वोट का बड़ा ही महत्व है 6)परीक्षा में पढ़ाई का, सर्दी में रजाई का बड़ा ही महत्व है 7)राजनीति में #कमल का,अजय के लिए #विमल का बड़ा ही महत्व है 8)युवाओं में #प्यार का,आम के अचार का बड़ा ही महत्व है 9)जायदाद में वारिस का,किसानी में बारिश का बड़ा ही महत्व है 10)प्राइवेट जेट का, मोबाइल नेट का बड़ा ही महत्व है आप भी ऐसे ही मजेदार "महत्व" बनाइये और कमेंट बॉक्स में शेयर कीजिए।ये हमारी तरफ से एक छोटा सा प्रयास है इस चुनौतीपूर्ण माहौल में लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने का। आज हमारे जीवन के कुछ बड़े महत्व

90 के दशक के बच्चे: आज की तेजी से बदलती दुनिया में परंपरा और प्रौद्योगिकी के बीच एक पुल

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90 का दशक मानव इतिहास में एक अनूठा युग था जिसने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से परिवर्तन देखा। इंटरनेट के आगमन, वैश्वीकरण और नई तकनीकों के जन्म ने 90 के दशक को एक रोमांचक और परिवर्तनकारी समय बना दिया। जो लोग इस युग में पैदा हुए और 90 के दशक में बड़े हुए, उन्हें अक्सर 90 के दशक का बच्चा कहा जाता है। इन व्यक्तियों का जीवन पर एक अनूठा दृष्टिकोण है, जो उन्हें वृद्धावस्था और नई पीढ़ी के बीच एक बफर बनाता है। 90 के दशक के बच्चों ने इंटरनेट, सोशल मीडिया और स्मार्टफोन के बिना एक ऐसी दुनिया का अनुभव किया, जो 2000 के दशक तक मुख्यधारा नहीं थी। वे बाहर खेलते हुए, किताबें पढ़ते हुए, कार्टून देखते हुए और दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताते हुए बड़े हुए। उनका बचपन सादगी और मासूमियत से भरा हुआ था। हालाँकि, जैसे-जैसे वे बड़े हुए, उन्होंने अपने आसपास की दुनिया के तेजी से परिवर्तन को देखा। इंटरनेट और सोशल मीडिया सर्वव्यापी हो गए, और प्रौद्योगिकी एक अभूतपूर्व गति से उन्नत हुई। 90 के दशक के बच्चे पुरानी और नई पीढ़ी के बीच एकदम सही बफर हैं... वे नॉन मोबाइल से लेकर एंड्रॉइड 5जी तक के अंतर को

"The 90s Kids: A Bridge Between Tradition and Technology in Today's Rapidly Changing World"

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The 90s was a unique era in human history that saw a rapid transformation in various spheres of life. The advent of the internet, globalization, and the birth of new technologies made the 90s an exciting and transformative time. People who were born in this era and grew up in the 90s are often referred to as 90s kids. These individuals have a unique perspective on life, which makes them a buffer between old age and the new generation. The 90s kids experienced a world without the internet, social media, and smartphones, which were not mainstream until the 2000s. They grew up playing outside, reading books, watching cartoons, and spending time with friends and family. Their childhood was marked by simplicity and innocence. However, as they grew up, they witnessed the rapid transformation of the world around them. The internet and social media became ubiquitous, and technology advanced at an unprecedented pace. 90s kids are the perfect buffer between the old and the new genera

Maharana Pratap

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Name - Maharana Pratap, also known as Shri Kunwar Pratap Singh Birth - May 9, 1540 AD Birth place - Kumbhalgarh, Rajasthan Death date - January 29, 1597 AD Father - Shri Maharana Uday Singh Mother - Mrs. Jeevat Kanwar State - Mewar Reign - 1568–1597 AD Reign duration - 29 years Dynasty - Sisodia of the Suryavansh lineage Region - Rajputana Religious Belief - Hinduism Capital – Udaipur Battle - Battle of Haldighati Predecessor - Maharana Udai Singh Successor - Rana Amar Singh Additional Information: Maharana Pratap owned a horse named Chetak and an elephant named Ramprasad who fought against Akbar's elephants and single-handedly defeated many in the Battle of Haldighati. Maharana Pratap's birth anniversary is celebrated every year on Jyestha, Shukla Paksha Tritiya, according to the Vikrami Samvat. Interesting facts about Maharana Pratap: 1). Maharana Pratap was a fearless warrior who was known for his bravery and

महाराणा प्रताप

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नाम - महाराणा प्रताप, जिन्हें श्री कुंवर प्रताप सिंह के नाम से भी जाना जाता है जन्म- 9 मई, 1540 ई जन्म स्थान - कुम्भलगढ़, राजस्थान मृत्यु तिथि – 29 जनवरी, 1597 ई पिता - श्री महाराणा उदयसिंह माता - श्रीमती जीवत कंवर राज्य - मेवाड़ शासनकाल – 1568–1597 ई शासन काल - 29 वर्ष वंश - सूर्यवंश वंश के सिसोदिया क्षेत्र - राजपुताना ध ार्मिक विश्वास - हिंदू धर्म राजधानी – उदयपुर युद्ध - हल्दीघाटी का युद्ध पूर्ववर्ती - महाराणा उदयसिंह उत्तराधिकारी - राणा अमर सिंह अतिरिक्त जानकारी: महाराणा प्रताप के पास चेतक नाम का एक घोड़ा और रामप्रसाद नाम का एक हाथी था, जिन्होंने अकबर के हाथियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अकेले ही हल्दीघाटी के युद्ध में कई लोगों को हराया। विक्रमी संवत के अनुसार हर साल ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष तृतीया को महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जाती है। महाराणा प्रताप के बारे में रोचक तथ्य: 1). महाराणा प्रताप एक निडर योद्धा थे जो अपनी वीरता और ताकत के लिए जाने जाते थे। उन्होंने तलवारबाजी की कला में कड़ी मेहनत की थी और तलवार चलाने में अत्यधिक कुशल थे।

"पुनर्निर्मित MCA21 V3.0: भारत में कॉर्पोरेट अनुपालन के लिए एक गेम-चेंजर"

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इस लेख में मैं आपको MCA V3.0 और इस संस्करण के भत्तों के बारे में सब कुछ बताऊंगा। MCA पोर्टल के वर्तमान संस्करण को संस्करण 2 से संस्करण 3 में अपग्रेड करने की प्रक्रिया है। यह V2 पोर्टल का एक उन्नत संस्करण है और वर्तमान में LLP और कुछ कंपनी फाइलिंग के लिए लाइव है। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय MCA21- 1. MCA21 संस्करण 3.0 कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय - MCA के डिजिटल कॉर्पोरेट अनुपालन पोर्टल का पहला चरण है। 2. यह केंद्रीय बजट 2021 की घोषणा का हिस्सा था। 3. संस्करण 3.0 में एक संशोधित वेबसाइट, एमसीए अधिकारियों के लिए नई ईमेल सेवाएं और दो नए मॉड्यूल, अर्थात् ई-बुक और ई-परामर्श शामिल हैं। 4. एमसीए21 एक ई-गवर्नेंस पहल है जो कॉर्पोरेट संस्थाओं, पेशेवरों और भारत के नागरिकों के लिए एमसीए सेवाओं की आसान और सुरक्षित पहुंच को सक्षम बनाती है। 5. संपूर्ण परियोजना MCA21 V3.0 को वित्तीय वर्ष 2022-23 के भीतर शुरू करने का प्रस्ताव है। 6. MCA21 डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग से संचालित होगा। 7. वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ संरेखित, MCA21 V3.0 की कल्पना भारत में क

"Revamped MCA21 V3.0: A Game-Changer for Corporate Compliance in India"

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ALL ABOUT MCA V.3 AND PERKS OF THIS VERSION: The MCA is the process of upgrading the present version of the portal from Version 2 to Version 3. This is an enhanced version of the V2 portal and is presently live for LLP's and some of the Company filings. Ministry of Corporate Affairs MCA21- 1. MCA21 version 3.0 is the first phase of the digital corporate compliance portal of the Ministry of Corporate Affairs - MCA. 2. It was part of the Union Budget 2021 announcement. 3. Version 3.0 comprises a revamped website, new email services for MCA Officers and two new modules, namely, e-Book and e-Consultation. 4. MCA21 is an e-Governance initiative that enables easy and secure access of the MCA services to the corporate entities, professionals and citizens of India. 5. The entire project MCA21 is proposed to be launched within the Financial Year 2021-22. 6. MCA21 will be data analytics, Artificial intelligence and machine learning-driven. 7. Aligned with global best practices, MCA

Incident Management

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Incident management is the process of responding to, managing, and resolving incidents or disruptions that impact business operations. Incidents can come in many forms, such as natural disasters, cyber-attacks, or hardware failures. Proper incident management can help minimize the impact of these disruptions and enable businesses to quickly resume normal operations. In this blog post, we will explore the key components of incident management. 1. Incident Identification The first step in incident management is to identify an incident. This can be done through various means such as monitoring systems, user reports, or alerts. It is crucial to have a clear understanding of what constitutes an incident and what level of severity it represents. 2. Incident Logging Once an incident has been identified, it is important to log all relevant details in a centralized location. This includes the date and time of the incident, a description of what occurred, the impact it had on the business, and a

Top 10 AI tools that are like ChatGPT, that can help you save time and make life easier

Here are some AI tools that are like ChatGPT, that can help you save time and make life easier: 1. Otter.ai: A transcription tool that uses AI to transcribe audio and video recordings. It's great for transcribing meetings, interviews, and lectures. 2. Boomerang: An email scheduling tool that uses AI to suggest the best time to send emails based on past email engagement. It's great for improving email open and response rates. 3. Evernote: A note-taking app that uses AI to help you organize and search your notes. It's great for keeping track of to-do lists, meeting notes, and ideas. 4. X.ai: A virtual assistant that uses AI to schedule meetings. It integrates with your calendar and email to suggest meeting times and send invites. 5. Pocket: A bookmarking tool that uses AI to suggest articles based on your interests. It's great for staying up-to-date on news and industry trends. 6. MindMeld: A chatbot platform that uses AI to build conversational interfaces for businesses.

मैं ब्राह्मण हूँ

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हाँ मैं ब्राह्मण हूँ. कमजोर इतना हूँ कि सबको माफ कर देता हूँ. लालची इतना हूँ कि चन्द्रगुप्त को राजा बना देता हूँ. डरपोक हूँ, इसलिए तो पृथ्वी को इक्कीस बार अत्याचारियों से मुक्त करता हूं. अनुपयोगी भी हूँ, तभी तो हड्डियों से वज्र बनवाता हूँ. अनपढ हूँ, क्योंकि व्याकरण और गणित को खोज कर लाता हूँ. जातिवादी हूँ, माया,मुलायम,कांग्रेस,भाजपा....पता नहीं कितनो के साथ हूँ. आरक्षण का विरोध नहीं करता, क्यूंकि अपनों के नाराज होने का डर है. सरकार से कुछ नहीं मांगता, क्यूंकि हिन्दूस्तान कमजोर होने का डर है. बंगलादेश,पाकिस्तान से गायब हूँ, कश्मीर से निष्कासित हूँ . फिर भी अखंड भारत का स्वपन देखता हूँ. कदम कदम पर ठगा जाता हूँ, फिर भी....  सर्वेभवंतु सुखिन:का मंत्र गुनगुनाता हूँ, क्योंकि ..... मैं ब्राह्मण हूँ

Udaipur Yatra blog

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Welcome to Udaipur, the city of lakes and palaces! Located in the Indian state of Rajasthan, Udaipur is a popular tourist destination known for its rich history, vibrant culture, and stunning architecture. If you're planning a trip to Udaipur, here are some of the top attractions and things to do in the city: City Palace: Built in the 16th century, the City Palace is a magnificent complex of palaces, courtyards, and gardens. It offers stunning views of Lake Pichola and is a must-visit for history and architecture enthusiasts. Lake Pichola: Udaipur is known as the city of lakes, and Lake Pichola is the most famous of them all. Take a boat ride on the lake and admire the stunning views of the City Palace and other landmarks. Jag Mandir: Located on an island in Lake Pichola, Jag Mandir is a beautiful palace with a rich history. It was used as a summer palace by the Maharana of Mewar and has hosted many royal events over the centuries. Fateh Sagar Lake: Another popular lake in Udaipur

112 नम्बर क्या है ❓

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112 नम्बर क्या है ❓ फ़ोन लॉक होने पर भी कैसे कर सकते हैं मदद या बचा सकते हैं किसी कि जान ❓ 🛑Emergency Service के लिए अब सिंगल हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया गया है. अब जब भी आपको मदद की जरूरत हो, आप खतरे में हों या कोई गंभीर रूप से घायल हो गया हो, तो तुरंत 112 नंबर डायल कीजिए. इसके अलावा अगर आपके सामने मारपीट, हत्या, डकैती या हंगामे जैसे गंभीर क्राइम हो रहे हों, तो भी आप 112 पर डायल कर सकते हैं. ✅इससे पहले इन सभी सुविधाओं के लिए अलग-अलग नंबर डायल करने होते थे. पुलिस (100), एंबुलेंस सेवा (108), वुमन हेल्पलाइन नंबर (1090) और फायर स्टेशन (101) जैसे जरूरी नंबरों को अलग-अलग सेव किया करते थे. 🛑112 नंबर को ही क्यों सेलेक्ट किया गया❓ सबसे पहले साल 1972 में यूरोपियन कॉन्फ्रेंस ऑफ पोस्टल एंड टेलिकम्युनिकेशंस एडमिनिस्ट्रेशंस (CEPT) ने 112 नंबर को इमरजेंसी नंबर के रूप में चुना था. उन दिनों रोटरी टाइप फोन (जिन फोन में नंबर को घुमाकर डायल किया जाता है) हुआ करते थे. इन फोन में 112 नंबर डायल करने में कम समय और कम रोटेशन की जरूरत होती थी. हालांकि अब रोटरी फोन की जगह मोबाइल फोन आ गए हैं. लेकिन फोन में भी

🛑पेट्रोल पंप पर ये 6 चीजें होती हैं फ्री, न दे तो करें शिकायत

🛑पेट्रोल पंप पर ये 6 चीजें होती हैं फ्री, न दे तो करें शिकायत लिखित शिकायत करने के लिए हर पेट्रोल पंप पर एक शिकायत बुक होती है, जिसे कोई भी मांग सकता है।  इसमें शिकायत लिखने के बाद यह सीधे पेट्रोलियम कंपनियों के पास जाती है, जिस पर बाद में जांच होती है और सही होने पर कार्रवाई भी की जाती है।  अगर पेट्रोल पंप वाला आपको शिकायत पुस्तका देने से मना करें तो आप आनॅलाइन भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ऑनलाइन शिकायत करने के लिए आपको मंत्रालय की वेबसाइट पर जाना होगा। इसका पता है - http://pgportal.gov.in/ ✅पेट्रोल पंप पर मिलने वाली पहली फ्री सेवा इमर्जेंसी पड़ने पर आप पेट्रोल पंप से फ्री फोन कॉल की सुविधा ले सकते हैं। सड़क हादसे में जख्मी किसी शख्स के परिजनों को कॉल करना हो या फिर आपको अपने ही किसी परिचित को बीच रास्ते में ही जरूरी फोन करना हो तो आप इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं ✅पेट्रोल पंप पर मिलने वाली दूसरी फ्री सेवा आपको लगता है कि पेट्रोल पंप पर फ्यूल की क्‍वालिटी अच्‍छी नहीं है, तो आप फिल्टर पेपर लेकर उसे चेक कर सकते हैं। यह फिल्‍टर पेपर से हर पेट्रोल पर होना जरूरी है। इससे पेट्रोल या डीजल की

🔴 आधार कार्ड के साथ कभी न करें ये गलतियां, नहीं तो पड़ सकता है पछताना ❗️

🔴 आधार कार्ड के साथ कभी न करें ये गलतियां, नहीं तो पड़ सकता है पछताना ❗️ ✔︎ साल दर साल आधार संबंधित फ्रॉड बढ़ते जा रहे हैं।  ✔︎अधिकतर फ्रॉड इस कारण भी होते हैं, क्योंकि आधार का इस्तेमाल करने वालों के पास इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है, किस व्यक्ति से कितनी जानकारी साझा करनी चाहिए।  ✔︎साइबर क्रिमिनल आधार का इस्तेमाल करके क्रेडिट कार्ड, बैंक अकाउंट, लोन और अन्य ट्रांजेक्शन आदि का फ्रॉड कर रहे हैं।  ✔︎साइबर क्रिमिनल फर्जी पहचान के लिए आधार-मोबाइल फोन लिंकिंग का भी इस्तेमाल करते हैं।   ✔︎ऐसे में लोगों को आधार से संबंधित डाटा किसी दूसरे के साथ साझा करने से पहले सोचना चाहिए। 🔴 आधार की जानकारी करें सुरक्षित: ✔︎यूजर्स को बैंक अकाउंट, लोन, रेंट रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस कंपनियों और म्यूचुअल फंड जैसी कई सर्विस का लाभ लेने के लिए अपनी आधार संबंधित जानकारी साझा करने के लिए कहा जाता है।  ✔︎ऐसे में आपको यह जानना चाहिए कि आपको यह जानकारी असलियत में कहां जमा करनी है और कहां पर नहीं करनी है। ✔︎ऐसे में आपको हर किसी को अपनी आधार जानकारी नहीं देनी चाहिए। जैसे कि कुछ जिम और स्टोर आदि में आधार की

मोदी सरकार अब कितने दिनों की मेहमान है?

नेहरू जी को छोड़ दें तो शायद मोदी आज़ाद भारत के एकमात्र नेता रहेंगे जो अपराजेय रहे जब जनता सीधे उनको चुन या रिजेक्ट कर रही थी। ये एक विशिष्ट उपलब्धि इसलिए है क्योंकि उनका चुनाव 80% लोगों से शुरू होता है, 20% मुस्लिम आबादी में से मोदी को एक भी वोट नही मिलता। मज़ेदार बात ये है कि आज तक भारत का कोई प्रधानमंत्री 50% वोट नही पा सका। नेहरू भी जिनके खिलाफ कोई विपक्ष ही नही था वो भी 48% पर ही रुक गए, इंदिरा गांधी तो अपने चरम पर भी 43% पा सकी । जबकि नेहरू को तो खुद गांधी ने चुना था, इंदिरा गांधी को परिवार से होने का फायदा मिला। मोदी खुद के दम पर नीचे से उपर आए और 45% जनता की पसन्द बने।  राजनेताओं को वोट के लिए ड्रामेबाज़ी तो करनी ही पड़ती है।नेहरू जी चुनावों में जनसंघ पर इल्ज़ाम लगाते थे कि इन्होंने गांधी को मारा जबकि अदालत से कभी कुछ सिद्ध नही हुआ था। इंदिरा गांधी हमेशा विक्टिम कार्ड खेलती रही, भाषणों में बोलती रही कि ये लोग मुझे मार डालेंगे( आपरेशन ब्लू स्टार के भी बहुत पहले से)। मोदी भी इस कला में माहिर हैं। अभी उत्तरप्रदेश चुनावों की बड़ी चर्चा है, मोदी की रैलियां शुरू होते ही असली खेला होगा। जि

भगवान राम की अंगूठी व हनुमान

भगवान राम जानते थे कि उनकी मृत्यु का समय हो गया है। वह जानते थे कि जो जन्म लेता है उसे मरना ही पड़ता है। यही जीवन चक्र है। और मनुष्य देह की सीमा और विवशता भी यही है। उन्होंने कहा... “यम को मुझ तक आने दो। बैकुंठ धाम जाने का समय अब आ गया है।”  मृत्यु के देवता यम स्वयं अयोध्या में घुसने से डरते थे। क्योंकि उनको राम के परम भक्त और उनके महल के मुख्य प्रहरी हनुमान से भय लगता था। उन्हें पता था कि हनुमानजी के रहते यह सब आसान नहीं। भगवान श्रीराम इस बात को अच्छी तरह से समझ गए थे कि, उनकी मृत्यु को अंजनी पुत्र कभी स्वीकार नहीं कर पाएंगे, और वो रौद्र रूप में आ गए, तो समस्त धरती कांप उठेगी। उन्होंने सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा से इस विषय मे बात की। और अपने मृत्यु के सत्य से अवगत कराने के लिए राम जी ने अपनी अंगूठी को महल के फर्श के एक छेद में से गिरा दिया! और हनुमान से इसे खोजकर लाने के लिए कहा।हनुमान जी ने स्वयं का स्वरुप छोटा करते हुए बिल्कुल भंवरे जैसा आकार बना लिया... और अंगूठी को तलाशने के लिये उस छोटे से छेद में प्रवेश कर गए। वह छेद केवल छेद नहीं था, बल्कि एक सुरंग का रास्ता था, जो पाताल लो

कर्ण व कृष्ण ...

कर्ण को महाभारत का सबसे दयनीय चरित्र माना जाता है। कर्ण को उसके वो अधिकार कभी नहीं मिले, जिनका वो पात्र था। कर्ण को वह सम्मान नहीं मिला, जिसका वह हकदार था। नहीं, वेदव्यास ने ऐसा कुछ नहीं लिखा, उन्होंने तो बस हर चरित्र के बारे में वैसा ही लिखा जैसा वो था। कर्ण दयनीय था, उसके साथ अन्याय हुआ था यह हम सोचते हैं क्योंकि महाभारत पढ़ते या सुनते समय हम जज की टोपी पहन लेते हैं। कर्ण जैसे ही हालात भगवान कृष्ण के भी थे। कर्ण हस्तिनापुर की राजवधु कुंती का पुत्र था। कृष्ण मथुरा की राजकुमारी और राजा शूरसेन की पुत्रवधु देवकी के पुत्र थे। लोकलाज के भय से कुंती ने कर्ण को गंगा में की गोद मे डाल दिया जहां से कर्ण को उठाकर अधिरथ और राधा ने पाला। कृष्ण को कंस के भय से वासुदेव ने यमुना पार कर यशोदा की गोद मे डाला जहाँ उनका लालन पालन नंद और यशोदा ने किया। कर्ण के गुरु भगवान परशुराम थे। परशुराम से ही कर्ण ने अस्त्र शस्त्र की शिक्षा प्राप्त की। भगवान कृष्ण के भी तीसरे गुरु परशुराम थे, जिन्होंने कृष्ण को पाशुपतास्त्र चलाना सिखाया। कर्ण के पालक पिता अधिरथ भीष्म पितामह के सारथी थे, लेकिन कर्ण ने कभी सारथी बनना स