Posts

SDM कौन होता है ❓

SDM कौन होता है ❓ ✔︎ एसडीएम 1973 आपराधिक प्रक्रिया संहिता और कई अन्य छोटी कार्रवाइयों के तहत विभिन्न मजिस्ट्रेट कर्तव्यों का पालन करते हैं।  एसडीएम का अपने उपखंड के तहसीलदारों पर पूरा नियंत्रण होता है।  वह अपने जिला अधिकारी और तहसीलदार दोनों के बीच संबंध की एक कड़ी का प्रतिनिधित्व करता है। ✔︎ किसी भी जिले में जहां सबसे ज्यादा पावरफुल डीएम (District Magistrate) होता है और उसके पास सारे अधिकारी होते हैं, वहीं डिवीजन स्‍तर पर वही अधिकार एसडीएम के पास होते हैं।  जिसे उप प्रभागीय न्यायाधीश (Sub Divisional Magistrate) कहते हैं।  एक SDM का पद बहुत जिम्मेदारी भरा होता है। 🔴 SDM के पद पर भर्ती संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और राज्यों के लोक सेवा आयोग द्वारा की जाती है। इसके द्वारा आयोजित सर्वाधिक लोकप्रिय पीसीएस (PCS) परीक्षा है। इसके लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद एक साक्षात्कार भी होता है। हर राज्य का एक आयोग होता है जो इस सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करता है। राज्य की सिविल सेवा परीक्षा में SDM सबसे बड़ा पद होता है।  इस परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवारों को उपखंड मजिस्ट्रेट (SDM) के पद पर

महत्वपूर्ण तथ्य

[1] मुख्य द्वार के पास कभी भी कूड़ादान ना रखें इससे पड़ोसी शत्रु हो जायेंगे | [२] सूर्यास्त के समय किसी को भी दूध,दही या प्याज माँगने पर ना दें इससे घर की बरक्कत समाप्त हो जाती है | [३] छत पर कभी भी अनाज या बिस्तर ना धोएं..हाँ सुखा सकते है इससे ससुराल से सम्बन्ध खराब होने लगते हैं | [४] फल खूब खाओ स्वास्थ्य के लिए अच्छे है लेकिन उसके छिलके कूडादान में ना डालें वल्कि बाहर फेंकें इससे मित्रों से लाभ होगा | [५] माह में एक बार किसी भी दिन घर में मिश्री युक्त खीर जरुर बनाकर परिवार सहित एक साथ खाएं अर्थात जब पूरा परिवार घर में इकट्ठा हो उसी समय खीर खाएं तो माँ लक्ष्मी की जल्दी कृपा होती है | [६] माह में एक बार अपने कार्यालय में भी कुछ मिष्ठान जरुर ले जाएँ उसे अपने साथियों के साथ या अपने अधीन नौकरों के साथ मिलकर खाए तो धन लाभ होगा | [७] रात्री में सोने से पहले रसोई में बाल्टी भरकर रखें इससे क़र्ज़ से शीघ्र मुक्ति मिलती है और यदि बाथरूम में बाल्टी भरकर रखेंगे तो जीवन में उन्नति के मार्ग में बाधा नही आवेगी | [८] वृहस्पतिवार के दिन घर में कोई भी पीली वस्तु अवश्य खाएं हरी वस्तु ना खाएं तथा बुधवार

अग्निपथ योजना

अग्निपथ योजना मेरे लिए उपयुक्त होती।।। अगर मुझे अग्निवीर बनना हो तो- मैं आगे एक उज्ज्वल भविष्य देखता हूं। इमेजिंन मेरी उम्र 19 साल है और अग्निपथ योजना के तहत मेरा चयन हो गया है।  मुझे अगले 4 वर्षों के लिए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सशस्त्र बलों में से एक द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यहाँ वो वेतन है जो मैं अगले 4 वर्षों में प्राप्त करूँगा पहले साल के लिए। - 30,000/- (21,000 - हाथ में) दूसरे वर्ष के लिए - 33,000/- (23,100 - हाथ में) तृतीय वर्ष - 36,500/- (25,580 - हाथ में) चौथा वर्ष - 40,000/- (28,000 हाथ में) हर साल 10% की वृद्धि। काटे गए पैसे को अग्निवीर कॉर्पस के तहत सेव किया जाएगा। जो 4 साल में ~ 5.02 लाख है। सरकार इस फंड को दोगुना कर देगी और जब मैं जाऊंगा तो मुझे 11.41 लाख सेवा निधि के रूप में मिलेंगे। 23 साल का लड़का जो सिर्फ 10वीं/12वीं कक्षा का छात्र है, उसके पास 11 लाख+ हैं। अगर मैं सर्वश्रेष्ठ में से सर्वश्रेष्ठ हूं, तो भारतीय सेना मुझे बरकरार रखेगी। मैं आने वाले कई वर्षों तक देश की सेवा करूंगा। ऐसे उच्च क्षमता वाले बल की कल्पना करें। अगर मैंने टॉप 25% नहीं बनाया, तो मैं उस पैसे का

पौराणिक_बिजेथुआ_महावीरन_हनुमान_मंदिर

Image
#पौराणिक_बिजेथुआ_महावीरन_हनुमान_मंदिर हनुमान जी के मंदिर देशभर में कई है और सभी मंदिरों में हनुमान जी की प्रतिमा कुछ अनोखी है। कहीं लेटे हनुमानजी हैं तो कहीं डॉक्टर के रुप में विराजमान हैं। इन्हीं अनोखे मंदिरों के बीच एक मंदिर उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर की तहसील कादीपुर में स्थापित है। यह मंदिर लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां मंदिर में हनुमान जी से मांगी सभी मुरादें पूरी होती है। मान्यताओं के अनुसार बताया गया है की मंदिर में आने वाले लोगों के बिगड़े काम बन जाते हैं। हनुमान जी का प्रसिद्ध मंदिर विजेथुवा मावीरन धाम के नाम से जाना जाता है। यहां मंदिर में विशेषता का कारण यहां स्थापित हनुमान जी की मूर्ति है, क्योंकि मूर्ति का एक पैर जमीन में धंसा है। यही नहीं यहां पर एक ऐसा तालाब भी है, जहां हनुमान जी ने कालनेमि के वध से पहले स्नान किया था। hanuman mandir विजेथुवा महावीरन धाम का जिक्र पुराणों में भी मिलता है। हनुमान जी ने तालाब में स्नान करने के बाद कालनेमि राक्षस का वध किया था। तब से आज तक यहां हनुमान जी की मूर्ति स्थापित है, जिसका एक पैर जमीन में धंसा हुआ है। इसी की व

सम्राट पृथ्वीराज चौहान

Image
आखिर कौन थे ? सम्राट पृथ्वीराज चौहान  पुरा नाम :- पृथ्वीराज चौहान  अन्य नाम :- राय पिथौरा  माता/पिता :- राजा सोमेश्वर चौहान/कमलादेवी पत्नी :- संयोगिता जन्म :- 1149 ई.   राज्याभिषेक :- 1169 ई.    मृत्यु :- 1192 ई.  राजधानी :- दिल्ली, अजमेर वंश :- चौहान (राजपूत) आज की पीढ़ी इनकी वीर गाथाओ के बारे मे..  बहुत कम जानती है..!!  तो आइए जानते है.. #सम्राट #पृथ्वीराज #चौहान से जुडा इतिहास एवं रोचक तथ्य,,, ''(1)  सम्राट पृथ्वीराज चौहान  ने 12 वर्ष कि उम्र मे बिना किसी हथियार के खुंखार जंगली शेर का जबड़ा फाड़  ड़ाला था । (2) पृथ्वीराज चौहान ने 16 वर्ष की आयु मे ही  महाबली नाहरराय को युद्ध मे हराकर माड़वकर पर विजय प्राप्त की थी। (3) पृथ्वीराज चौहान ने तलवार के एक वार से जंगली हाथी का सिर धड़ से अलग कर दिया था । (4) महान सम्राट प्रथ्वीराज चौहान कि तलवार का वजन 84 किलो था, और उसे एक हाथ से चलाते थे ..सुनने पर विश्वास नहीं हुआ होगा किंतु यह सत्य है..  (5) सम्राट पृथ्वीराज चौहान पशु-पक्षि

सभी सनातनी बहन-भाई के लिए मेरा एक छोटा सा प्रयास।🙏🚩

सभी सनातनी बहन-भाई के लिए मेरा एक छोटा सा प्रयास।🙏🚩 1अष्टाध्यायी               पाणिनी 2-रामायण                    वाल्मीकि 3-महाभारत                  वेदव्यास 4-अर्थशास्त्र                  चाणक्य 5-महाभाष्य                  पतंजलि 6-सत्सहसारिका सूत्र      नागार्जुन 7-बुद्धचरित                  अश्वघोष 8-सौंदरानन्द                 अश्वघोष 9-महाविभाषाशास्त्र        वसुमित्र 10- स्वप्नवासवदत्ता        भास 11-कामसूत्र                  वात्स्यायन 12-कुमारसंभवम्           कालिदास 13-अभिज्ञानशकुंतलम्    कालिदास   14-विक्रमोउर्वशियां        कालिदास 15-मेघदूत                    कालिदास 16-रघुवंशम्                  कालिदास 17-मालविकाग्निमित्रम्   कालिदास 18-नाट्यशास्त्र              भरतमुनि 19-देवीचंद्रगुप्तम          विशाखदत्त 20-मृच्छकटिकम्          शूद्रक 21-सूर्य सिद्धान्त           आर्यभट्ट 22-वृहतसिंता               बरामिहिर 23-पंचतंत्र।                  विष्णु शर्मा 24-कथासरित्सागर        सोमदेव 25-अभिधम्मकोश         वसुबन्धु 26-मुद्राराक्षस               विशाखदत्त 27-रावणवध।         

एक रोचक कहानी

8 साल का एक बच्चा 1 रूपये का सिक्का मुट्ठी में लेकर एक दुकान पर जाकर पूछने लगा, --क्या आपकी दुकान में ईश्वर मिलेंगे? दुकानदार ने यह बात सुनकर सिक्का नीचे फेंक दिया और बच्चे को निकाल दिया। बच्चा पास की दुकान में जाकर 1 रूपये का सिक्का लेकर चुपचाप खड़ा रहा! -- ए लड़के.. 1 रूपये में तुम क्या चाहते हो? -- मुझे ईश्वर चाहिए। आपकी दुकान में है? दूसरे दुकानदार ने भी भगा दिया। लेकिन, उस अबोध बालक ने हार नहीं मानी। एक दुकान से दूसरी दुकान, दूसरी से तीसरी, ऐसा करते करते कुल चालीस दुकानों के चक्कर काटने के बाद एक बूढ़े दुकानदार के पास पहुंचा। उस बूढ़े दुकानदार ने पूछा, -- तुम ईश्वर को क्यों खरीदना चाहते हो? क्या करोगे ईश्वर लेकर? पहली बार एक दुकानदार के मुंह से यह प्रश्न सुनकर बच्चे के चेहरे पर आशा की किरणें लहराईं ৷ लगता है इसी दुकान पर ही ईश्वर मिलेंगे !   बच्चे ने बड़े उत्साह से उत्तर दिया, ----इस दुनिया में मां के अलावा मेरा और कोई नहीं है। मेरी मां दिनभर काम करके मेरे लिए खाना लाती है। मेरी मां अब अस्पताल में हैं। अगर मेरी मां मर गई तो मुझे कौन खिलाएगा ? डाक्टर ने कहा है कि अब सिर्फ ईश्वर ही