आज़ादी- मेरी नज़र में
लो जी हमने आज़ादी के 70 साल पुरे कर लिए हैं लेकिन क्या हम आज भी पूरी तरह से आज़ाद हो पाएं हैं ? जिस स्वतंत्र भारत का सपना आज़ादी की लड़ाई के दौरान क्रांतिकारियों ,वीरों, गाँधी, बोस जी आदि लोगो ने देखा था क्या वह साकार हुवा है या होता दिख रहा है ? मुझे तो ऐसा नहीं लग रहा है की हमारा देश आज भी पूरी तरह से स्वतंत्र हो पाया है। आज १५ अगस्त के दिन मैं जो विचार व्यक्त करने जा रहा हूँ कुछ लोगों को यह शायद ठीक न लगे लेकिन कोई बात नहीं क्या फर्क पड़ता है। भारत ऐसा देश है जहाँ एक अच्छी नौकरी पाने के लिए यहाँ की मुख्या भाषा नहीं बल्कि उस भाषा का जानना अनिवार्य है जिसके भाषी लोगों ने भारत को २०० सालों तक लूटा,जी हाँ बिलकुल ठीक समझे आप मैं बात कर रहा हूँ अंग्रेजी भाषा की। ये भारत का दुर्भाग्य है की यहाँ आज भी अंग्रेजी का महत्व हमारी राष्ट्र भाषा से ज्यादा है। आज हमारे देश में यदि कोई व्यक्ति दफ्तरों में ,बड़ी बड़ी कंपनियों में बॉस आदि के सामने हिंदी में बात करे तो बहुत सारे लोग उसे गंवार समझते हैं और उसकी आलोचना भी करते हैं। एक हिंदी भाषी को कम तवज्जो दिया जाता है जबकि अंग्रेजी वाले को लोग ...