धोनी को 'धोनी' बनते हम सबने देखा है....

हम सभी जानते हैं तेंदुलकर महानतम बल्लेबाज़ थे लेकिन जब तक हमने होश संभाला तेंदुलकर,'तेंदुलकर' बन चुके थे।

धोनी को 'धोनी' बनते हम सबने देखा है।हमने एक लम्बे बाल वाले विकेट कीपर को विकेटकीपर - बल्लेबाज़, फिर कप्तान, फिर legend और फिर Cult बनते देखा है।

धोनी ने सिर्फ क्रिकेट ही नहीं सिखाया, उसने जीना भी सिखाया। एक पूरी generation को हार के फिर से खड़ा होना और जीतना सिखाया।आईपीएल फाइनल में उस रात वो अपने तरीके से एकऔर बात सीखा रहा था।मैच ख़त्म करके जीत के उन पलों में भी वो जिस तरह अपने परिवार के साथ समय बिताने में लीन था, वो कह रहा था की असली ट्रॉफी यही है। मुझे याद आ रहा था इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद 8200 महीने की नौकरी लगने पर मैं घर वालों का फ़ोन नहीं उठा पाता था,परिवार वालों से साल में एकाध बार ही मिल पाता था और हमेशा busy रहता था। और ये आदमी आईपीएल की ट्रॉफी जीत के भी बेटी के साथ खेल रहा है।


उस दिन ऐसा लगा जैसे धोनी मुझसे ही कह रहा था कि कामयाबी का कोई भी शिखर फैमिली से ऊपर नहीं है।आप अपने career में लीन रह जाते है और बच्चे कब बड़े हो जाते हैं और माता -पिता कब बूढ़े, पता ही नहीं चलता।अपनी priorities सही रखो।वाकई 'माही' का फैन होना आसान है, लेकिन असली मज़ा 'माही' होने में है।

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