ऐसे ही कोई इंजीनियर नही बन जाता.......!
आज आपके आसपास के लोग,पड़ोसी,रिश्तेदार,व्यवहारिक लोग,पुराने दोस्त,गांव के काका,शर्मा जी,गांव के बड़े बुजुर्ग आदि अक्सर ये ताना देते हुये मिल जाते हैं कि क्या मतलब है इंजीनियरिंग करने का,पढ़ाई खत्म करने के बाद जब नौकरी ही न मिले,पैसे न कमा पाओ|
50विषय,150प्रैक्टिकल्स व लगभग 200 परीक्षायें पास करने के बाद तब जाकर कोई इंजीनियर बनता है| इतना परिश्रम करने के बाद अगर कोई ये कहे कि इतनी पढ़ाई का क्या फायदा हुआ,तो बुरा लगता है|खैर हमारे भारतीय समाज में यही विडम्बना है कि वो हर चीज को पैसे से आंकते हैं,ऐसे लोगों का इंजीनियरिंग से मतलब सिर्फ पैसे कमाने से होता है| ऐसे लोगों से मेरा कहना है कि "बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद", तुम लोग क्या इंजीनियरिंग का मतलब समझोगे|एक इंजीनियर जब चाहे किसी भी फील्ड में अपना करियर बना सकता है,वह कभी भी कोई बिजनेस मैन,अॉफीसर या अन्य प्रोफेशन्स को अपना सकता है लेकिन क्या एक बिजनेसमैन इंजीनियर बन सकता है?अतः ऐसे लोगों,समाज से मै यही कहना चाहता हूं कि हर चीज को हमेशा पैसों से नही तौला जाना चाहिये|सबकी अपनी अपनी वैल्यू है,इंजीनियरिंग की,बिजनेस की,इंजीनियर की,दुकानदार की|
आज हमें विदेशियों से सीख लेनी चाहिये,उनके लिये सिर्फ पैसा ही सबकुछ नही है,शायद इसलिये वो हमसे आगे हैं|पुराने विचारों से थोड़ा बाहर आइये व एक नया,एक अच्छा समाज बनाइये तभी जाकर हम एक "न्यू इंडिया" की नींव रख पायेंगे व अपने माननीय प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया बनाने के सपने,अपने भविष्य के सपने इत्यादि को साकार कर पायेंगे|Read More
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कुछ लोग तो ये कहते हुए पाये जाते हैं कि शर्मा जी के बेटे को देखो,उसने इंजीनियरिंग नही की एक दुकान खोला है और खुद का बिजनेस करके लाखों कमाता है|ऐसे लोगों को शायद ये नही पता कि इंजीनियरिंग क्या होती है?ऐसे ही कोई इंजीनियर नही बन जाता उसके लिए कड़ी मेहनत व दृढ़ इच्छाशक्ति रखनी पड़ती है|एक आम विद्यार्थी जब इण्टर की परीक्षा पास करता है तो उसके सामने ये चुनौती होती है कि वह कौन से क्षेत्र में अपना करियर बनाने हेतु पढ़ाई करने का निर्णय लेवे| अपनी रूचि व इच्छानुरूप वह इंजीनियरिंग में प्रवेश लेता है जहां उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है लेकिन वह अडिग रहता है,चाहे मैकेनिक्स विषय हो या अन्य|50विषय,150प्रैक्टिकल्स व लगभग 200 परीक्षायें पास करने के बाद तब जाकर कोई इंजीनियर बनता है| इतना परिश्रम करने के बाद अगर कोई ये कहे कि इतनी पढ़ाई का क्या फायदा हुआ,तो बुरा लगता है|खैर हमारे भारतीय समाज में यही विडम्बना है कि वो हर चीज को पैसे से आंकते हैं,ऐसे लोगों का इंजीनियरिंग से मतलब सिर्फ पैसे कमाने से होता है| ऐसे लोगों से मेरा कहना है कि "बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद", तुम लोग क्या इंजीनियरिंग का मतलब समझोगे|एक इंजीनियर जब चाहे किसी भी फील्ड में अपना करियर बना सकता है,वह कभी भी कोई बिजनेस मैन,अॉफीसर या अन्य प्रोफेशन्स को अपना सकता है लेकिन क्या एक बिजनेसमैन इंजीनियर बन सकता है?अतः ऐसे लोगों,समाज से मै यही कहना चाहता हूं कि हर चीज को हमेशा पैसों से नही तौला जाना चाहिये|सबकी अपनी अपनी वैल्यू है,इंजीनियरिंग की,बिजनेस की,इंजीनियर की,दुकानदार की|
आज हमें विदेशियों से सीख लेनी चाहिये,उनके लिये सिर्फ पैसा ही सबकुछ नही है,शायद इसलिये वो हमसे आगे हैं|पुराने विचारों से थोड़ा बाहर आइये व एक नया,एक अच्छा समाज बनाइये तभी जाकर हम एक "न्यू इंडिया" की नींव रख पायेंगे व अपने माननीय प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया बनाने के सपने,अपने भविष्य के सपने इत्यादि को साकार कर पायेंगे|Read More
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