नव वर्ष प्रार्थना

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जाते-जाते साल में दिल का ऐसा हाल, जैसे बेटी जा रही कल अपने ससुराल|
क्या होगा उस वक्त जब जन्मेगा नव वर्ष, नन्हे हाथों से मुझे कर लेगा स्पर्श|

ओ प्यारे नव वर्ष जी इतना रखना ध्यान, बारिश हो भरपूर और खेतों में धन-धान|


दुर्घटना आतंक से बचा रहे संसार, मानव पर मानव करे कहीं न अत्याचार|

बाढ़ और भूकम्प का हो न कहीं प्रकोप, न शंका दुर्भिक्च की न ओलों का खौफ।

फिर बदलेंगे डायरी कैलेण्डर पंचाग, कसमों की नौटंकिया संकल्पों के स्वांग|

सबको यह उम्मीद है सबके मन में हर्ष, खुशियों की इक पोटली खोलेगा नव वर्ष
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